12-16 फरवरी, 2024, हैदराबाद
भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क भूमि कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद ने एससी उप-योजना के अंतर्गत भाकृअनुप-क्रिडा, हैदराबाद में 12-16 फरवरी, 2024 तक सतत आजीविका के लिए उभरती वर्षा आधारित तकनीकों पर किसानों के लिए 5 दिवसीय कौशल विकास कार्यक्रम का आयोजन किया।

मुख्य अतिथि, डॉ. वी.के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-क्रिडा, ने उभरती वर्षा आधारित तकनीकों पर प्रकाश डाला। उन्होंने किसानों की आय में सुधार के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों और समूह-आधारित दृष्टिकोणों के महत्व पर भी ज़ोर दिया।

भाकृअनुप-क्रिडा ने सतत आजीविका के लिए उभरती वर्षा आधारित तकनीकों पर किसानों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम का आयोजन किया। भाकृअनुप-क्रिडा ने सतत आजीविका के लिए उभरती वर्षा आधारित तकनीकों पर किसानों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम का आयोजन किया।
कार्यक्रम में फसलोपरांत प्रबंधन, फसल मूल्य संवर्धन, नमी संरक्षण, जल प्रबंधन, कृषि यंत्रीकरण, ड्रोन अनुप्रयोग, एकीकृत कीट प्रबंधन, किचन गार्डनिंग और वर्षा जल प्रबंधन पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में बाजरा प्रसंस्करण एवं ऊष्मायन केंद्र का एक भ्रमण भी शामिल था।
समापन सत्र के मुख्य अतिथि, भाकृअनुप-क्रिडा के फसल विज्ञान विभाग के प्रमुख, डॉ. एम.एस. राव ने किसानों से अपनी कृषि आय में सुधार के लिए नवीनतम तकनीकों को अपनाने का आग्रह किया। सत्र के दौरान, मुख्य अतिथि ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र, न्यूट्री मिलेट किट तथा सब्जी बीज किट वितरित किया।
डॉ. टी.वी. प्रसाद, नोडल अधिकारी, एससीएसपी के, ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी।
तेलंगाना राज्य के तीन गाँवों के कुल 20 एससी किसानों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया।
(भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क भूमि कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद)







फेसबुक पर लाइक करें
यूट्यूब पर सदस्यता लें
X पर फॉलो करना X
इंस्टाग्राम पर लाइक करें