3 फरवरी, 2024, कर्नाटक
भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी, हैदराबाद ने भाकृअनुप-के.एच. पाटिल कृषि विज्ञान केन्द्र, हुलहोटी, गडग ज़िला, कर्नाटक के सहयोग से अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत किसानों के लिए 30 जनवरी से 3 फरवरी, 2024 तक केवीके परिसर में एकीकृत कृषि प्रणाली पर 5 दिवसीय कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया।

मुख्य अतिथि, डॉ. श्रीनिवास राव, निदेशक, भाकृअनुप-नार्म, ने किसानों की आय दोगुनी करने में एकीकृत कृषि प्रणाली के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि बदलते वर्षा परिदृश्य में गारंटीकृत आय प्राप्त करने के लिए एकीकृत कृषि प्रणाली एक महत्वपूर्ण तकनीक है। डॉ. राव ने वर्ष भर नियमित आय प्राप्त करने के लिए विभिन्न फसल पद्धतियों, फसल विविधता, कृषि-वानिकी, कृषि-बागवानी, डेयरी, भेड़-बकरी पालन, रेशम उत्पादन आदि को अपनाने का आग्रह किया।
डॉ. एम. बालकृष्णन, अध्यक्ष, एससीएसपी, ने शुष्क भूमि क्षेत्रों में किसानों के परिवार की आर्थिक सुरक्षा के लिए विभिन्न आईएफएस तकनीकों को अपनाने का आग्रह किया।
डॉ. एल.जी. हिरेगौदर, केवीके सलाहकार एवं सचिव, कृषि विज्ञान प्रतिष्ठान, हुलकोटी, ने आईएफएस के अंतर्गत प्रदान की जाने वाली विभिन्न तकनीकों के बारे में जानकारी दी।
कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षुओं ने आईएफएस किसानों के खेतों का भ्रमण किया।
समापन सत्र के दौरान सभी प्रशिक्षुओं को महत्वपूर्ण जानकारी दी गई।
कर्नाटक के गडग जिले के शिवाजीनगर तथा ब्रह्मानंदपुरा के लगभग 50 किसानों ने कार्यक्रम में भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी, हैदराबाद)







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