भाकृअनुप-सीआईएफटी तथा एसबीआई ने देश भर में मत्स्य पालन स्टार्टअप को बढ़ावा देने हेतु की ऐतिहासिक साझेदारी

भाकृअनुप-सीआईएफटी तथा एसबीआई ने देश भर में मत्स्य पालन स्टार्टअप को बढ़ावा देने हेतु की ऐतिहासिक साझेदारी

28 नवंबर, 2025, कोच्चि

भाकृअनुप–केन्द्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान, कोच्चि, ने 28 नवंबर, 2025 को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किया, जो पूरे भारत में मत्स्य पालन-आधारित स्टार्टअप एवं तकनीकी अपनाने वालों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

एमओए पर दोनों संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किया गया तथा आदान-प्रदान किया गया, जिसमें डॉ. जॉर्ज निनन, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईएफटी तथा श्री संतोष कुमार, उप-महाप्रबंधक (एबीयूऔर जीएसएस), एसबीआई शामिल थे।

इस रणनीतिक सहयोग का उद्देश्य भाकृअनुप मत्स्य पालन संस्थानों द्वारा विकसित अत्याधुनिक अनुसंधान नवाचारों और उन्हें व्यावसायिक रूप देने के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता के बीच की खाई को पाटना है।

भाकृअनुप-सीआईएफटी अपने जोनल टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट–एग्रीबिजनेस इनक्यूबेशन (जेडटीएम-एबीआई) केन्द्र के माध्यम से, केन्द्रीय समन्वयक के रूप में काम करेगा, योग्य उद्यमियों की पहचान करेगा, तकनीकी प्री-स्क्रीनिंग करेगा, और एसबीआई अधिकारियों को मत्स्य पालन प्रौद्योगिकियों और उनकी व्यावसायिक क्षमता के बारे में जानकारी देगा। जेडटीएम-एबीआई केन्द्र सभी भाकृअनुप मत्स्य पालन संस्थानों से मत्स्य पालन प्रौद्योगिकियों को समेकित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर का नोडल प्लेटफॉर्म होगा, जिससे एसबीआई को सुव्यवस्थित वित्तीय सहायता के लिए मान्य, बाजार के लिए तैयार नवाचारों के एकीकृत भंडार तक पहुंचने में मदद मिलेगी।

समझौते के तहत, एसबीआई जेडटीएम-एबीआई केन्द्र में पंजीकृत उद्यमियों एवं इनक्यूबेटियों को कार्यशील पूंजी, सावधि ऋण एवं स्टार्टअप वित्तपोषण प्राथमिकता के आधार पर वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। वित्तीय सहायता परियोजना की व्यवहार्यता, व्यावसायिक क्षमता और एसबीआई के ऋण मानदंडों के पालन पर आधारित होगी।

(स्रोत: भाकृअनुप–केन्द्रीय मात्स्यिकी तकनीकी अनुसंधान संस्थान, कोच्चि)

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