भाकृअनुप त्रिपुरा केन्द्र ने सतत पहाड़ी खेती (पीएएसईएल – 2025) पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी की

भाकृअनुप त्रिपुरा केन्द्र ने सतत पहाड़ी खेती (पीएएसईएल – 2025) पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी की

21 नवंबर, 2025, अगरतला

भाकृअनुप उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के लिए अनुसंधान परिसर, त्रिपुरा केन्द्र ने इंडियन एसोसिएशन ऑफ हिल फार्मिंग (आईएएचएफ) के सहयोग से, आज प्रज्ञा भवन, अगरतला में 'सतत पहाड़ी खेती की खोज: लाभप्रदता एवं पारिस्थितिक संतुलन के लिए नवाचार जिसके माध्यम से भविष्य की आजीविका सुनिश्चित हो (पीएएसईएल – 2025)' विषय पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया।

त्रिपुरा सरकार में वन, विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण मंत्री श्री अनिमेष देबबर्मा ने मुख्य अतिथि के रूप में उद्घाटन सत्र की शोभा बढ़ाई और पहाड़ी कृषि में तकनीकी नवाचारों और सफलता की कहानियों को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और भाकृअनुप गीत के गायन से हुई।

ICAR Tripura Centre Hosts International Conference on Sustainable Hill Farming (PASEL–2025)

अपने उद्घाटन संबोधन में, मंत्री ने प्रकृति-आधारित कृषि को मजबूत करने, क्षेत्र-उन्मुख वैज्ञानिक अनुसंधान को आगे बढ़ाने तथा किसान समुदाय के लिए स्थानीय रूप से प्रासंगिक नवाचारों को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया। राज्य में इस पैमाने के अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम के आयोजन के लिए भाकृअनुप त्रिपुरा केन्द्र की सराहना करते हुए, उन्होंने पूर्वोत्तर पहाड़ियों के लिए अधिक उपज देने वाली, जलवायु-लचीली तथा स्थानीय रूप से अनुकूलित किस्मों को विकसित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। श्री देबबर्मा ने नई तकनीकों को पेश करते समय प्राकृतिक गुणवत्ता को बनाए रखने के महत्व पर भी जोर दिया, जिसमें मशरूम की खेती में प्रदर्शित नवाचारों का विशेष उल्लेख किया गया।

कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे, जिनमें डॉ. समरेंद्र हजारिका, निदेशक, भाकृअनुप के उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लिए अनुसंधान परिसर, उमियाम; प्रो. (डॉ.) आर.के. साहा, कुलपति, टेक्नो इंडिया यूनिवर्सिटी त्रिपुरा; प्रो. (डॉ.) श्यामल दास, कुलपति, त्रिपुरा विश्वविद्यालय; और डॉ. के. एम. बुजरबरुआ, पूर्व उप-महानिदेशक (पशु विज्ञान), भाकृअनुप तथा पूर्व कुलपति, असम कृषि विश्वविद्यालय शामिल थे।

ICAR Tripura Centre Hosts International Conference on Sustainable Hill Farming (PASEL–2025)

समारोह के दौरान प्रमुख कृषि वैज्ञानिकों के योगदान वाली एक स्मारिका और एब्स्ट्रैक्ट्स की पुस्तक जारी की गई। काकरबन के विधायक श्री जितेंद्र मजूमदार ने भी सभा को संबोधित किया। मुख्य अतिथि ने आईएएचएफ पुरस्कार प्रदान किए और भाकृअनुप त्रिपुरा केन्द्र के कई संस्थागत प्रकाशनों का विमोचन किया।

अपने समापन भाषण में, मंत्री ने पूर्वोत्तर पहाड़ी पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक स्थायी और समृद्ध कृषि भविष्य सुनिश्चित करने के लिए किसान-वैज्ञानिक-नीतिगत संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

(स्रोत: भाकृअनुप उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के लिए अनुसंधान परिसर, उमियम, मेघालय)

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