जनजातीय किसानों का लचीली कृषि तथा आकस्मिक योजना पर कौशल विकास कार्यक्रम का आयोजन

जनजातीय किसानों का लचीली कृषि तथा आकस्मिक योजना पर कौशल विकास कार्यक्रम का आयोजन

19-23 फरवरी, 2024, हैदराबाद

भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क भूमि कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद ने 19-23 फरवरी, 2024 तक जनजातीय कृषि योजना (टीएसपी) के अंतर्गत किसानों के लिए 'लचीली कृषि एवं आकस्मिक योजना' पर 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया।

Skill development of Tribal Farmers on Resilience Agriculture and Contingency Planning  Skill development of Tribal Farmers on Resilience Agriculture and Contingency Planning

मुख्य अतिथि, डॉ. एस.एस. बलोली ने किसानों में लचीलापन विकसित करने की क्षमता पर ज़ोर दिया। उन्होंने किसानों से मौसम संबंधी असामान्यता की स्थिति में आकस्मिक योजनाएं अपनाने का आग्रह किया। प्रशिक्षण में व्याख्यान, व्यावहारिक अनुभव और भ्रमण शामिल थे।

डॉ. वी.के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-क्रिडा, हैदराबाद ने समापन सत्र के दौरान भागीदारी प्रमाण पत्र वितरित किया।

किसानों ने व्यावहारिक अभ्यास के लिए विभिन्न अनुसंधान फार्मों का दौरा किया। किसानों ने 19 फरवरी, 2024 को केवीके हयातनगर द्वारा आयोजित "किसान मेला" में भी भाग लिया।

किसानों ने आदिलाबाद जिले में जलवायु अनुकूल कृषि, कृषि मौसम विज्ञान, कृषि मशीनीकरण तथा फसल आकस्मिक योजना पर व्याख्यानों में भाग लिया और 23 फरवरी, 2024 को 'सतत कृषि विकास के लिए स्मार्ट तकनीकें' पर राष्ट्रीय संगोष्ठी में भाग लिया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के एक भाग के रूप में, किसानों के लिए विभिन्न अनुभव दौरे आयोजित किया गया, जिनमें भाकृअनुप-राष्ट्रीय मांस अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद, पीजेटीएसएयू, हैदराबाद की बाजरा प्रसंस्करण इकाई और भाकृअनुप-भारतीय तिलहन अनुसंधान संस्थान, राजेन्द्रनगर, हैदराबाद शामिल थे।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 30 आदिवासी किसानों ने भाग लिया।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क भूमि कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद)

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