5 दिसंबर, 2023, मऊ
विश्व मृदा दिवस के एक भव्य उत्सव में, भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीव ब्यूरो (एनबीएआईएम) ने "मिट्टी वंदन: बेहतर मृदा स्वास्थ्य की ओर एक कदम" शीर्षक पर आधारित एक अभूतपूर्व कार्यक्रम का आज आयोजन किया।
मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. अरुण कुमार शर्मा, पूर्व निदेशक, एनबीएआईएम की उपस्थिति से उद्घाटन सत्र की कार्यवाही को आगे बढ़ाया गया। डॉ. शर्मा ने अपने संबोधन में आज के कृषि परिदृश्य में "मिट्टी वंदन" जैसी पहल की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना किया। उन्होंने हरित क्रांति से पहले के समय को रेखांकित किया साथ ही वर्तमान में टिकाऊ और प्रकृति के अनुकूल कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने हेतु इस तरह के कार्यक्रमों की तात्कालिक उपयोगिता के बारे में विचार साझा किया।
डॉ. आलोक कुमार श्रीवास्तव, निदेशक, एनबीएआईएम ने समसामयिक परिदृश्य पर एक आकर्षक प्रस्तुति दी, जिसमें फसलों पर जलवायु परिवर्तन तथा अजैविक तनाव के प्रभाव को कम करने में सूक्ष्मजीवों की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाया। डॉ. श्रीवास्तव ने अगले तीन महीनों में किसानों के लिए 12 से अधिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों और एक्सपोज़र शिविरों के महत्वाकांक्षी एजेंडे का खुलासा करते हुए "मिट्टी वंदन" अभियान के तहत आगामी योजनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि इस सत्र में जैव-उर्वरक, बायो-स्टीमुलेंट, मशरूम की खेती, जैव-कीटनाशकों और अन्य प्रकार के क्षमता निर्माण पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। साथ ही चयनित किसानों को व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिससे टिकाऊ कृषि के लिए आवश्यक व्यावहारिक ज्ञान एवं कौशल को बढ़ावा मिलेगा।
इस कार्यक्रम में 300 से अधिक स्कूली बच्चों और 150 किसानों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई, जो मृदा स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
(स्रोतः भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीव ब्यूरो, मऊ, उ.प्र.)
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