27 दिसंबर, 2023, मऊ
मृदा स्वास्थ्य को बढ़ाने और टिकाऊ कृषि पद्धतियों तथा पर्यावरण-अनुकूल कृषि को बढ़ावा देने के लिए भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीव ब्यूरो (भाकृअनुप-एनबीएआईएम), मऊ, उत्तर प्रदेश ने आज "मिट्टी वंदन" नामक एक किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया।
कार्यक्रम का उद्घाटन, डॉ. एस.सी. दुबे, सहायक महानिदेशक (पीपी एंड बी) भाकृअनुप ने किया। डॉ. दुबे ने ब्यूरो द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए माइक्रोबियल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए मिट्टी में कार्बनिक तत्व बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया।
डॉ. आलोक कुमार श्रीवास्तव, निदेशक, एनबीएआईएम ने किसानों को रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों तथा इस पर निर्भरता कम करने के लिए कृषकों को शिक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने माइक्रोबियल इनोकुलेंट्स तथा फॉर्मूलेशन की सहायता से प्रकृति के अनुकूल खेती की ओर बदलाव का आग्रह किया।
कार्यक्रम में विविध विषयों को शामिल किया गया, जिसमें नवीन कृषि तकनीकों का व्यावहारिक प्रदर्शन भी शामिल था। मुख्य आकर्षणों में एनबीएआईएम द्वारा विकसित माइक्रोबियल बायोइनोकुलेंट्स का उपयोग करके बीज बायोप्रिमिंग का प्रदर्शन, मशरूम की खेती, ऑयस्टर मशरूम की तैयारी से लेकर खेती एवं विपणन तक की पूरी प्रक्रिया का प्रदर्शन और डीकंपोजर द्वारा कृषि अवशेषों का तेजी से अपघटन शामिल था।
एनबीएआईएम के प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. हर्षवर्धन सिंह ने मृदा स्वास्थ्य और कृषक समुदाय की भलाई के बीच आंतरिक संबंध पर प्रकाश डाला तथा इसके पोषण सुरक्षा से संबंध पर जोर दिया।
उद्घाटन सत्र के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति ने इस कार्यक्रम में एक जीवंत स्पर्श जोड़ दिया।
इस ज्ञानवर्धक कार्यक्रम में 500 किसानों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
(स्रोतः भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीव ब्यूरो, मऊ, उ.प्र.)
फेसबुक पर लाइक करें
यूट्यूब पर सदस्यता लें
X पर फॉलो करना X
इंस्टाग्राम पर लाइक करें