13 मार्च, 2024, कोलकाता
भाकृअनुप-राष्ट्रीय प्राकृतिक रेशा अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, कोलकाता ने आज यहां राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, वाणिज्यिक फसलों पर केंद्र प्रायोजित योजना के अंतर्गत 'जूट/मेस्ता/रेमी/सन-हेम्प के उत्पादन एवं प्रसंस्करण तकनीक सहित अन्य संबंधित पहलू' विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन किया।

मुख्य अतिथि, डॉ. एन.सी. पान, पूर्व निदेशक, भाकृअनुप-एनआईएनएफईटी, ने जूट और अन्य प्राकृतिक रेशों के प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन के महत्व पर प्रकाश डाला।
डॉ. डी.बी. शाक्यवार, निदेशक, भाकृअनुप-एनआईएनएफईटी, ने संस्थान में विकसित तकनीकों पर प्रकाश डाला और प्रशिक्षुओं से वैज्ञानिकों के साथ अधिक से अधिक संवाद करने का आग्रह किया।
कार्यक्रम के डॉ. एल.के. नायक, प्रमुख एवं समन्वयक, ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी।
प्रशिक्षण के दौरान व्याख्यानों और प्रायोगिक कार्यों के माध्यम से जूट एवं अन्य प्राकृतिक रेशों के निष्कर्षण एवं प्रसंस्करण की प्रक्रिया में नवीनतम प्रगति पर चर्चा की जाएगी।
इस प्रशिक्षण में तीन जूट उत्पादक राज्यों, अर्थात् पश्चिम बंगाल, ओडिशा और मेघालय, के लगभग 15 अधिकारियों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय प्राकृतिक रेशा अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, कोलकाता)







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