15 मार्च, 2024, मेघालय
भाकृअनुप-कृषि विज्ञान केन्द्र, री-भोई ने आज कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी, नोंगपोह के सहयोग से प्राकृतिक खेती के अंतर्गत जीवामृत और बीजामृत तैयार करने पर एक परिसर-बाह्य प्रदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया।

डॉ. मेघना सरमाह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सस्य विज्ञान), केवीके-री-भोई ने किसानों को प्राकृतिक खेती के महत्व के बारे में जानकारी दी तथा टिकाऊ खेती के लिए गाय के गोबर एवं गोमूत्र के मिश्रण के उपयोग पर ज़ोर दिया।
डॉ. माइटीस्टार लिंगदोह, उप परियोजना निदेशक, एटीएमए ने गुणवत्तापूर्ण बीजों, उन्नत किस्मों और फसलों एवं सब्जियों की वैज्ञानिक खेती पर ज़ोर दिया।
प्रदर्शन के दौरान किसानों को जीवामृत तथा बीजामृत की तैयारी और उनके खेतों में इसके प्रयोग का तरीका दिखाया गया, जिसके बाद स्थानीय भाषाओं में प्राकृतिक खेती पर पत्रक वितरित किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में री-भोई जिले के पहमसियेम गांव के कुल 40 किसानों ने भाग लिया।
(स्रोत: एनईएच क्षेत्र उमियाम के लिए भाकृअनुप अनुसंधान परिसर)







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