11 मार्च, 2024, किडू, कर्नाटक
भाकृअनुप-केन्द्रीय वृक्षारोपण फसल अनुसंधान संस्थान, केरल, अनुसंधान केन्द्र, किडू, कर्नाटक ने आज एक दिवसीय किसान बैठक (कृषि सम्मेलन) का आयोजन किया।
इस अवसर पर, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री, सुश्री शोभा करंदलाजे मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। मंत्री ने क्षेत्र के नारियल और सुपारी किसानों के हितों की रक्षा के लिए केन्द्र सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न उपायों पर प्रकाश डाला, ताकि कीटों तथा बीमारियों के अचानक फैलने और प्रचलित मूल्य में उतार-चढ़ाव का प्रबंधन किया जा सके और पड़ोसी देशों से वस्तुओं के अवैध आयात को रोका जा सके। उन्होंने सिंचाई के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए 20 लाख लीटर जल भंडारण टैंक की स्थापना की और संस्थान द्वारा विकसित उन्नत नारियल किस्मों, कल्पा सुवर्णा तथा कोको किस्मों, वीटीएलसीएच 1 तथा वीटीएलसीएच 2 को जारी किया। नारियल की उन्नत किस्मों पर एक पुस्तिका जारी की गई और प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।
डॉ. एस.के. सिंह, उप-महानिदेशक (बागवानी विज्ञान), भाकृअनुप ने किसानों से उत्पादन लागत को कम करने तथा जलवायु संकट से निपटने के लिए कृषि में उन्नत प्रौद्योगिकियों को अपनाने का आग्रह किया।
डॉ. प्रभात कुमार, उद्यान आयुक्त, भारत सरकार ने नारियल विकास बोर्ड योजनाओं के उपयोग पर जोर दिया
घटती फसल उत्पादकता को रोकने के लिए उन्नत उच्च उपज देने वाली किस्मों के साथ पुराने बगीचों का कायाकल्प करें। उन्होंने आगे कहा कि यूरोप/ अमेरिका में शाकाहारी आबादी विशेष रूप से नारियल उत्पादों की तलाश में है और किसानों से पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों के बारे में सोचने, न्यूनतम पानी का उपयोग करने और बहु-फसल अपनाने का आग्रह किया।
सुश्री भागीरथी मुरुलिया, विधायक (सुलिया) ने किसानों से नई प्रौद्योगिकियों/ विकासात्मक योजनाओं के बारे में जानने और लाभ प्राप्त करने के लिए ऐसे कार्यक्रमों में भाग लेने का आग्रह किया।
डॉ. के.बी. हेब्बार, निदेशक, भाकृअनुप-सीपीसीआरआई, डॉ. दिवाकर, वाई., एसआईसी, भाकृअनुप-सीपीसीआरआई, अनुसंधान केन्द्र, किडू, डॉ. निराल, प्रमुख, फसल सुधार, भाकृअनुप-सीपीसीआरआई, कासरगोड, डॉ. होमी चेरियन, निदेशक, सुपारी निदेशालय और मसाला विकास, डॉ. हनुमंत गौड़ा, सीसीडीओ सीडीबी, श्री किशोर कोडगी, अध्यक्ष, कैंपको और संस्थान के अन्य अधिकारी कार्यक्रम के दौरान उपस्थित रहे।
संस्थान की दो प्रौद्योगिकियों को लाइसेंस दिया गया और वाईजीपी कोकोनट फार्मर्स प्रोड्यूसर्स कंपनी लिमिटेड दावणगेरे (हाइब्रिडाइजेशन टेक्नोलॉजी) और साउथ केनरा कोकोनट फार्मर्स कंपनी लिमिटेड (कल्पा ऑर्गेनिक गोल्ड) के सीईओ के साथ एमओयू का आदान-प्रदान किया गया।
इस कार्यक्रम में पौधों और मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, मूल्य संवर्धन, किसानों की सहायता पहल तथा विपणन पर नवीनतम तकनीकों के लिए तकनीकी सत्र आयोजित किए गए साथ ही ड्रोन-सक्षम छिड़काव तकनीक पर प्रदर्शन; नारियल में संकरण तकनीक; और किसानों के लाभ के लिए नारियल के पेड़ पर चढ़ने के उपकरण भी संचालित किए गए।
राज्य सरकार, विकास एजेंसियों, एफपीओ, केवीके और अन्य एजेंसियों के अधिकारियों के साथ नारियल और सुपारी उत्पादक जिलों के लगभग 2000 किसानों ने मेले में भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय वृक्षारोपण फसल अनुसंधान संस्थान कासरगोड, केरल)
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