युवाओं को सशक्त बनाने के लिए अप्रेंटिसशिप वर्कशॉप का आयोजन

युवाओं को सशक्त बनाने के लिए अप्रेंटिसशिप वर्कशॉप का आयोजन

20 नवंबर, 2025, कोच्चि

भाकृअनुप-केन्द्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान, कोच्चि ने आज एक डायनामिक अप्रेंटिसशिप जागरूकता वर्कशॉप का आयोजन किया, जिसका मकसद बेरोजगार लोगों और प्लस-टू पास युवाओं को सशक्त बनाने तथा मत्स्य पालन एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर खोलना था। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के तहत काम करने वाले जोनल टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट एंड एग्रीबिजनेस इनक्यूबेशन (जेडटीएम-एबीआई) सेंटर और फूड इंडस्ट्री कैपेसिटी एंड स्किल इनिशिएटिव (एफआईसीएसआई) के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों को नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम (एनएपीएस) से परिचित कराने पर ध्यान केन्द्रित किया गया।

डॉ. एम.पी. रेमेसन, प्रभारी निदेशक, भाकृअनुप-सीआएफटी, ने अध्यक्षीय संबोधन दिया।

Apprenticeship Workshop to Empower Youth Organised

इस वर्कशॉप का उद्घाटन श्री एम.आर. प्रेमचंद्र भट्ट, क्षेत्रीय अध्यक्ष, एसईएआई, सीफूड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, केरल, ने किया, जिन्होंने कार्यबल की क्षमता बढ़ाने तथा रोजगार के अवसर पैदा करने में अप्रेंटिसशिप के महत्व पर जोर दिया।

इस कार्यक्रम में विशेषज्ञ सत्र आयोजित किया गया, जिसमें एनएपीएस के कार्यान्वयन, वित्तीय प्रोत्साहन और उद्योग-विशिष्ट कौशल विकास के बारे में जानकारी दी गई, और कार्यक्रम में डॉ. राम मोहन एम.के., निदेशक, मरीन प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमपीइडीए), श्री रवि शंकर, संयुक्त निदेशक (टेक), एक्सपोर्ट इंस्पेक्शन एजेंसी (इआईए), द्वारा सम्मान समारोह भी शामिल था।

इंटरैक्टिव सत्र में स्टार्टअप, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) एवं शैक्षणिक संस्थानों के उपस्थित लोगों को अप्रेंटिसशिप पंजीकरण और नौकरी प्लेसमेंट पर अपने सवालों को स्पष्ट करने का मौका मिला।

 

एफआईसीएसआई का प्रतिनिधित्व करने वाली सुश्री प्रीति शर्मा ने सत्र का समापन किया, और रोजगार सृजन में उद्योग-शैक्षणिक सहयोग के महत्व पर जोर दिया।

इस पहल ने कौशल अंतर को पाटने के लिए मूल्यवान संसाधन प्रदान किया, विशेष रूप से प्लस-टू योग्यता वाले बेरोजगार व्यक्तियों के लिए, उन्हें संरचित अप्रेंटिसशिप कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जो सीधे महत्वपूर्ण उद्योगों में रोजगार की ओर ले जाते हैं।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान, कोच्चि)

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