115वें फोकार्स प्रतिभागियों के लिए कान्हा शांतिवनम का एजुकेशनल विजिट का आयोजन

115वें फोकार्स प्रतिभागियों के लिए कान्हा शांतिवनम का एजुकेशनल विजिट का आयोजन

25 अक्टूबर, 2025, हैदराबाद

भाकृअनुप–नेशनल एकेडमी ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च मैनेजमेंट, राजेंद्रनगर, हैदराबाद ने आज 115वें फाउंडेशन कोर्स फॉर एग्रीकल्चरल रिसर्च सर्विस (फोकार्स) के हिस्से के तौर पर, हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट के हेडक्वार्टर, कान्हा शांतिवनम का एक दिन का एजुकेशनल और स्पिरिचुअल विजिट ऑर्गनाइज़ किया।

दिन की शुरुआत एक शांत मेडिटेशन सेशन से हुई, जिसमें पार्टिसिपेंट्स को एक शांतिपूर्ण शुरुआत तथा माइंडफुलनेस एवं आंतरिक शांति का अनुभव करने का मौका मिला। इसके बाद बायोचार यूनिट, गार्डन के साथ रेनफॉरेस्ट, टिशू कल्चर लैब और ग्राफ्टेड हॉर्टिकल्चरल फसलों के लिए पॉलीहाउस सहित कई इको-फ्रेंडली तथा सस्टेनेबल फैसिलिटीज़ का विज़िट किया गया। इन विज़िट्स से सस्टेनेबिलिटी तथा होलिस्टिक वेल-बीइंग से जुड़े इनोवेटिव एनवायरनमेंट एवं एग्रीकल्चरल तरीकों के बारे में कीमती जानकारी मिली। 115वें फोकार्स पार्टिसिपेंट्स के लिए कान्हा शांतिवनम का एजुकेशनल विजिट ऑर्गेनाइज किया गया।

Educational Visit to Kanha Shantivanam for 115th FoCARS Participants Organised

दिन की एक खास बात हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट और कान्हा शांतिवनम के सम्मानित फाउंडर दाजी के ग्रुप मेडिटेशन सेशन में हिस्सा लेने का मौका था। उनकी बातचीत और गाइडेंस ने पार्टिसिपेंट्स को बहुत इंस्पायर किया, तथा प्रोफेशनल एक्सीलेंस तथा मन की शांति के बीच बैलेंस के महत्व पर ज़ोर दिया।

इस विजिट में डॉ. गोपाल लाल, निदेशक, भाकृअनुप-नार्म, भी शामिल हुए, और इसे डॉ. डी. दामोदर रेड्डी, कोर्स कोऑर्डिनेटर, 115वां फोकार्स तथा डॉ. एम. रमेश नाइक ने कोऑर्डिनेट किया।

पार्टिसिपेंट्स ने इस अनुभव को शांतिपूर्ण, ज्ञान देने वाला तथा आध्यात्मिक रूप से समृद्ध करने वाला बताया, जिससे उनकी प्रोफेशनल डेवलपमेंट जर्नी में सेल्फ-अवेयरनेस और होलिस्टिक लर्निंग का एक अनोखा डायमेंशन जुड़ गया।

(सोर्स: भाकृअनुप–नेशनल एकेडमी ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च मैनेजमेंट, राजेंद्रनगर, हैदराबाद)

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