1 नवंबर, 2025, नई दिल्ली
जर्मनी के फेडरल मिनिस्ट्री फॉर इकोनॉमिक कोऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (बीएमजेड) के पार्लियामेंट्री स्टेट सेक्रेटरी (वाइस मिनिस्टर) मिस्टर जोहान सैथॉफ के नेतृत्व में एक जर्मन डेलीगेशन ने आज नई दिल्ली में भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में 100 kW एग्रीपीवी पायलट साइट का दौरा किया। इसका मकसद एग्रीपीवी टेक्नोलॉजी, रिन्यूएबल एनर्जी इंटीग्रेशन और सस्टेनेबल खेती सिस्टम में भारत-जर्मन सहयोग को मज़बूत करने के रास्ते तलाशना था।
इस दौरे के दौरान, मिस्टर सैथॉफ ने साइंटिस्ट और स्टूडेंट्स से बातचीत की, तथा भारत के अलग-अलग एग्रो-क्लाइमेटिक ज़ोन में एग्रीपीवी सिस्टम को बढ़ाने के लिए ऑपरेशनल फ्रेमवर्क, चल रही रिसर्च और भविष्य की स्ट्रेटेजी के बारे में जानकारी हासिल की। चर्चाओं में जलवायु-अनुकूल और उर्जा दक्षता वाली खेती के लिए मिलकर की जाने वाली अनुसंधान, तकनीकी हस्तांतरण तथा किसान-केन्द्रित इनोवेशन पर ज़ोर दिया गया।

डेलीगेशन का स्वागत करते हुए, डॉ. चेरुकमल्ली श्रीनिवास राव, निदेशक, भाकृअनुप-आएआरआई ने एग्रीकल्चर-फोटोवोल्टिक (एग्रीपीवी) सिस्टम के इंटीग्रेशन के जरिए क्लीन एनर्जी अपनाने तथा नेट-ज़ीरो उत्सर्जन को ध्यान में रखकर खेती को बढ़ावा देने में इंस्टीट्यूट के रिसर्च प्रोग्राम, इनोवेशन और उपलब्धियों का अवलोकन प्रस्तुत किया।
इस बातचीत में भाकृअनुप, एनआईएसई और पार्टनर संस्थानों के सीनियर प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, जिनमें, डॉ. डी.के. यादव, उप-महानिदेशक (फसल विज्ञान), भाकृअनुप; डॉ. मोहम्मद रेहान, महानिदेशक, एनआईएसई, गुरुग्राम; डॉ. सी. विश्वनाथन, जॉइंट डायरेक्टर (रिसर्च), भाकृअनुप-आएआरआई; डॉ. आर.एन. पडारिया, जॉइंट डायरेक्टर (एक्सटेंशन), भाकृअनुप-आईएआरआई; डॉ. डी.के. सिंह, पूर्व प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर, सीओई एग्रीपीवी, आईएआरआई; तथा डॉ. पी. एस. ब्रह्मानंद, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, जल तकनीकी केन्द्र, शामिल थे।

भाकृअनुप-आईएआरआई तथा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोलर एनर्जी (एनआईएसई) में मिलकर बनाए गए एग्रीपीवी पर सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस (सीओई) को मिनिस्ट्री ऑफ़ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी (एमएनआरई) ने मंज़ूरी दे दी है। जीआईजेड इंडिया के सपोर्ट से बना 100 kW का एग्रीपीवी पायलट प्रोजेक्ट, सोलर पावर जनरेशन को फसल की खेती के साथ जोड़ने के लिए एक मॉडल का काम करता है, जिससे जमीन के इस्तेमाल की एफिशिएंसी और किसानों की इनकम बढ़ती है।
डेलिगेशन को भारत में खेती के अलग-अलग हालात के लिए एग्रीपीवी सिस्टम को लागू करने की प्रोग्रेस, खास रिसर्च नतीजों और बढ़ाने की क्षमता के बारे में बताया गया। इस दौरे में सोलर-एग्रीकल्चर इंटीग्रेशन, डाटा-ड्रिवन डिसीजन-सपोर्ट सिस्टम और क्लाइमेट-स्मार्ट टेक्नोलॉजी पर बातचीत को बढ़ावा देने वाला एक इंटरैक्टिव सेशन भी हुआ, जिससे सस्टेनेबल और मज़बूत एग्रो-एनर्जी सिस्टम के लिए भारत-जर्मन पार्टनरशिप और मज़बूत हुई।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली)







फेसबुक पर लाइक करें
यूट्यूब पर सदस्यता लें
X पर फॉलो करना X
इंस्टाग्राम पर लाइक करें