9 सितंबर, 2023, नई दिल्ली
जी 20 फर्स्ट स्पाउस ने कन्वेंशन सेंटर, एनएएससी कॉम्प्लेक्स, नई दिल्ली में आयोजित एक विशेष प्रदर्शनी में भाकृअनुप-फ्लोरीकल्चरल रिसर्च निदेशालय और भाकृअनुप-नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ ऑर्किड द्वारा प्रदर्शित फूलों की खेती की विशाल विविधता को देखा। भाकृअनुप-एनआरसी ऑर्किड की 16 प्रजातियों से संबंधित कई आर्किड संकर, भाकृअनुप-डीएफआर, भाकृअनुप-आईआईएचआर, भाकृअनुप-आईएआरआई, एआईसीआरपी द्वारा पुष्प कृषि केन्द्रों पर विकसित गुलाब, रजनीगंधा, गेंदा, गुलदाउदी, चमेली, ग्लेडियोलस की किस्मों और ङाइब्रिड का प्रदर्शन किया गया। भारतीय पुष्प उत्पादक परिषद और भाकृअनुप-डीएफआर द्वारा समर्थित एफपीओ के कुछ अनूठे फूल और उनके मूल्य वर्धित उत्पाद भी प्रदर्शन के लिए रखे गए थे।
गणमान्य व्यक्तियों ने भारत में पारंपरिक फूलों और उनके उपयोग के अनूठे तरीके में गहरी रुचि दिखाई। वे आवश्यक तेल, रंगद्रव्य, प्राकृतिक रंग, पुष्प चाय, संरक्षित, अगरबत्ती, बेकरी उत्पाद, सूखे फूल और एपॉक्सी राल एम्बेडेड उत्पादों जैसे मूल्य वर्धित उत्पादों की विविधता को समझने के लिए भी उत्सुक थे।
इससे पहले, डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) तथा भाकृअनुप मुख्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भारतीय फूलों की पुष्प विविधता देखी।
भाकृअनुप-डीएफआर, पुणे और भाकृअनुप-आईएआरआई ने पूरे विश्व में पहली बार चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान 3 के उतरने तथा अनूठी उपलब्धि को हासिल करने के लिए टीम भाकृअनुप की ओर से टीम इसरो के प्रति आभार व्यक्त करने और प्रशंसा करने के एक अनूठे रूप में चंद्रयान 3 की एक पुष्प प्रतिकृति बनाई।
(स्रोत: भाकृअनुप-पुष्प कृषि अनुसंधान निदेशालय, पुणे)
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