12- 13 सितम्बर, 2023, रायपुर
कृषि में नेमाटोड पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना की 16वीं वार्षिक समीक्षा बैठक 12- 13 सितंबर, 2023 को भाकृअनुप-राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान, रायपुर में आयोजित की गई थी। इस कार्यशाला का उद्देश्य विभिन्न द्वारा किए गए कार्यों की एक्रिप केंद्र का 2022- 23 के दौरान प्रगति की समीक्षा करना और 2023- 24 के लिए तकनीकी कार्यक्रम को अंतिम रूप देना था।
अपने उद्घाटन संबोधन में, मुख्य अतिथि, डॉ. पी.के. घोष, निदेशक और कुलपति, भाकृअनुप-एनआईबीएसएम ने एआईसीआरपी नेमाटोड समूह से आग्रह किया कि वे अपने तकनीकी कार्यक्रम में आनुवंशिक समूहों/ पौधों परजीवी नेमाटोड के जैविक समूहों और पीपीएन की जनसंख्या की गतिशीलता सहित विभिन्न फसल प्रणालियों में बुनियादी अनुसंधान को शामिल करें।
डॉ. एस. सी. दुबे, सहायक महानिदेशक (पीपी एंड बी), आईसीएआर ने अध्यक्ष के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और सभी फसलों में पीपीएन के लिए समग्र सिफारिश की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने दो दिनों के तकनीकी सत्र के दौरान समीक्षा भी की और उपयोगी सुझाव भी दिये।
डॉ. एच.एस. गौड़, पूर्व कुलपति, एसवीपीयूएटी, मेरठ और डॉ. राकेश पांडे, प्रख्यात वैज्ञानिक, सीएसआईआर-सीमैप, लखनऊ ने सम्मानित अतिथि के रूप में अपनी टिप्पणियाँ प्रस्तुत की। दोनों विषय विशेषज्ञों ने तकनीकी कार्यक्रम में सुधार हेतु सुझाव दिये।
डॉ. गौतम चावला, पीसी, एआईसीआरपी नेमाटोड्स ने वर्ष 2022- 23 के लिए वार्षिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।
इससे पहले, भाकृअनुप-एनआईबीएसएम के संयुक्त निदेशक, डॉ. पंकज शर्मा ने संस्थान की हालिया उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
सभी समन्वयक एवं स्वैच्छिक केन्द्रों के प्रतिनिधियों ने दो दिनों तक चलने वाले विचार-विमर्श में भाग लिया और अपनी प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। समीक्षा बैठक के दौरान 2023- 24 के लिए सिफारिशों और तकनीकी कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान, रायपुर)
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