12 मार्च, 2024, कोलकाता
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता ने आज डॉ. प्रदीप डे, निदेशक-सह-अध्यक्ष, क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन समिति, एफएफपी की अध्यक्षता में इस क्षेत्र के चार केन्द्रों के लिए फार्मर फर्स्ट कार्यक्रम की एक दिवसीय क्षेत्रीय समीक्षा कार्यशाला का आयोजन किया।
मुख्य अतिथि, डॉ. ए. सारंगी, निदेशक, भाकृअनुप-आईआईडब्ल्यूएम, भुवनेश्वर ने वैज्ञानिकों से उपलब्ध पानी के विवेकपूर्ण उपयोग के लिए सूक्ष्म सिंचाई सहायता प्राप्त फसल प्रणाली तथा अपसारी माध्यम पर आधारित सिंचाई व्यवस्था को केन्द्रित करने, अन्य एफएफपी परियोजना संस्थानों के साथ एकीकरण के साथ कृषक समुदाय के लाभ के लिए डेटा साझा करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि सभी चार केन्द्रों द्वारा अपनी क्षमताओं एवं संसाधनों को साझा करके भुवनेश्वर के पास एक सामान्य गांव विकसित किया जाना चाहिए।
डॉ. डे ने विभिन्न जिला या राज्य के अन्य किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए विभिन्न एफएफपी केन्द्रों से ज्ञान और प्रौद्योगिकियों के उपयोग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रभाव मूल्यांकन, संस्थागत शिक्षा के दस्तावेजीकरण, उच्च गुणवत्ता वाले प्रकाशन, एफएफपी पोर्टल अपलोडिंग, स्थिरता निधि जुटाने तथा उच्च स्तर के अर्थव्यवस्थाओं के लिए एफपीओ/ एफपीसी को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
डॉ. के.एस. दास, प्रधान वैज्ञानिक और सदस्य सचिव, जेडपीएमसी, एफएफपी, भाकृअनुप-अटारी कोलकाता ने 2023- 24 के दौरान एफएफपी कार्यक्रम और फंड उपयोग के बारे में जानकारी दी।
कार्यशाला में कुल 48 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)
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