331 |
भाकृअनुप-सीआईएआरआई ने अमृत काल को पेटेंट, व्यवसायीकरण, नस्ल पंजीकरण तथा प्रौद्योगिकी प्रमाणन वर्ष के रूप में मनाया |
332 |
भाकृअनुप-डीसीएफआर ने भारतीय ऊपरी इलाकों में छोटे पैमाने पर रेनबो ट्राउट खेती के लिए स्थायी आरएएस प्रौद्योगिकी का किया अनावरण |
333 |
मध्य भारत में उगाए जाने वाले नागपुर मंदारिन के लिए अनुकूलित सूक्ष्म पोषक मिश्रण विकसित |
334 |
भाकृअनुप-डीडब्ल्यूआर ने इंडस्ट्री मीट का किया आयोजन |
335 |
केन्द्रीय मंत्री परशोत्तम रुपाला ने मछुआरों से समुद्री शैवाल की खेती अपनाने का आग्रह किया |
336 |
केन्द्रीय मंत्री परशोत्तम रुपाला ने भाकृअनुप-सीएमएफआरआई द्वारा समुद्री शैवाल की रणनीतिक खेती परियोजना की सराहना की |
337 |
श्री कैलाश चौधरी ने उमियाम, मेघालय में भाकृअनुप-अनुसंधान परिसर का किया दौरा |
338 |
भाकृअनुप-वीपीकेएएस, अल्मोड़ा में कृषि उद्योग हितधारक के क्षेत्रीय परामर्श बैठक का उद्घाटन |
339 |
पूर्वी हिमालय क्षेत्र की पारंपरिक कृषि उत्पादन प्रणालियों में प्राकृतिक खेती के लिए राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन |
340 |
भाकृअनुप-एनबीएफजीआर ने रेपोर्ट मछली रोग ऐप को लोकप्रिय बनाने के लिए जागरूकता अभियान किया आयोजित |
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